
Chinook helicopter landing in Kedarnath helipad
हर हर महादेव।
साथियों आप सभी का उत्तराखंड गुरु में स्वागत है।
जब भी हम केदारनाथ दर्शन के लिए जाते हैं एक प्रश्न मन में आता है आखिर क्यों अन्य मंदिरों के तरह केदारनाथ में डेवलपमेंट जल्दी पूरा नहीं हो पा रहा, इतनी देरी क्यों इसका एक कारण आज के एपिसोड में आज हम आपको करवाएंगे।
एक ओर जहाँ केदारनाथ धाम सबसे बड़ा धार्मिक स्थल है वही दूसरी ओर कुछ पर्यटकों के लिए शानदार ट्रैकिंग लोकेशन लेकिन हिमालय पर बसे होने के कारण जो भी सामान, धाम तक पहुंचाया जाता है उसमें मदद ली जाती है घोड़े और खच्चरों की। लेकिन पहली बार मुझे दिखा केदारनाथ धाम में हेलीकाप्टर चिनूक जिसका प्रयोग धाम तक सामान लाने के लिए किया जा रहा था और आपके लिए यह वीडियो खास है जिसमें आप समझ पाएंगे की कैसे हेलीकाप्टर के माध्यम से धाम तक सामान लाया जाता है और मैं उम्मीद करता हूँ आपको यह वीडियो जरूर पसंद आएगा और आप और हम वीडियो के अंत तक यह समझ पाएंगे की भोले के इस धाम पर सब कुछ आसान नहीं। तो आइये चलते हैं और देखते है – केदारनाथ में चिनूक हेलीकाप्टर।
हम बस केदारनाथ धाम से लौट ही रहे थे की हमें सामने से आता दिखा हवा में एक हेलीकाप्टर – पूछने पर पता चला की चिनूक की लेंडिंग हैं। क्यों खास है चिनूक हेलीकाप्टर आइये जानते हैं :
बहु-उद्देश्यीय चिनूक हेलीकॉप्टर अमेरिका से मंगवाया गया था। लगभग 650 करोड़ रुपये की कीमत वाला ये हेलीकॉप्टर वायु सेना के बेड़े में शामिल है. भारतीय वायु सेना, चिनूक हेलीकॉप्टरों का संचालन कर रही है जिन्हें 2019-20 में शामिल किया गया था.
चिनूक हेलीकॉप्टर के बारे में रोचक तथ्य
- यह एक उन्नत मल्टी-मिशन हेलीकॉप्टर है और रात्रि में उड़ान भरने में सक्षम है चिनूक।
- देश की बेटियां स्क्वाड्रन लीडर पारुल भारद्वाज और स्वाति राठौर देश की पहली ऐसी महिला पायलेट बनी जिन्हें चिनूक इकाइयों की कमान सौंपी गई है.
- चिनूक की पेलोड क्षमता लगभग 10 टन है यानी यह 10 टन तक के भार को कहीं भी ले जा सकता है. इन हेलीकॉप्टरों का इस्तेमाल सैनिकों, हथियारों, डिवाइस, ईंधन, सड़क निर्माण और इंजीनियर उपकरणों को ढोने में किया जाएगा.
- ये कठिन और घने इलाके में ऑपरेशन के लिए भी उपयुक्त हैं क्योंकि यह एक मल्टीमिशन श्रेणी का हेलीकॉप्टर है.
- ओसामा बिन लादेन मिशन में अमेरिका द्वारा इसी हेलीकाप्टर का प्रयोग किया था।
- चिनूक की पहली इकाई को IAF में 25 मार्च, 2019 को चंडीगढ़ एयर फोर्स स्टेशन 12 विंग में शामिल किया गया है।
- चिनूक हेलीकॉप्टर 9 टन से ज्यादा का अधिकतम पेलोड और 45 सैनिकों का भार वाहन करने की क्षमता रखता है। घने कोहरे और धुंध में भी यह एक्शन लेने में सक्षम है। यह बेहद कुशलता से मुश्किल से मुश्किल जमीन पर भी ऑपरेट कर सकता है।
- क्या आप जानते हैं कि चिनूक नाम आधुनिक अमेरिकी वाशिंगटन राज्य के मूल निवासी चिनूक लोगों के नाम पर रखा गया है।
तो आगे आप लीजिये चिनूक का आनंद।
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