Ttungnath
Ttungnath

Tungnath Temple Uttarakhand

तुंगनाथ महादेव मंदिर

दुनिया में सबसे अधिक ऊंचाई पर है बसा शिव का मंदिर,
जहाँ पर होती है शिव के बाहों और ह्रदय की पूजा,
समुद्र तल से करीब १२००० फ़ीट की ऊंचाई पर स्थित मंदिर,
जो है उत्तराखंड के पंच केदारों में से एक केदार,

तो आइये आज चलते हैं : –

  • आज के एपिसोड में बात करेंगे चोपता के तुंगनाथ मंदिर की।
  • कैसे पहुंचे?
  • तुंगनाथ ट्रेक ?
  • और भी बहुत कुछ ….


तो बढ़ते हैं इस दिव्य जगह की ओर जिसे विश्व के अनुभवी पर्यटक स्विज़रलैंड भी कहते हैं और जिसकी पौराणिक कहानी कहीं रामायण तो कहीं महाभारत से जुडी है।

About Tunganath

तुंगनाथ उत्तराखण्ड के गढ़वाल के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित एक पर्वत है। प्रसिद्ध हिल स्टेशन “चोपता ” से लगे तुंगनाथ पर्वत पर स्थित है तुंगनाथ मंदिर, जो 3460 मीटर की ऊँचाई पर बना हुआ है और पंच केदारों में सबसे ऊँचाई पर स्थित है। यह मंदिर १,००० वर्ष पुराना माना जाता है और यहाँ भगवान शिव की पंच केदारों में से एक के रूप में पूजा होती है। पांच केदारों में से तुंगनाथ को तृतीय केदार कहा जाता है। अन्य ४ केदारों में केदारनाथ, मध्यमहेश्वर, रुद्रनाथ और कल्पनाथ शामिल हैं। वास्तुकला की बात करें तो Tungnath Mandir एक भव्य और बहुत ही अद्भुत संरचना है। मंदिर पत्थर की सजावट से बना है। जो बाहर की ओर ऊंची मीनारों का चित्रण करते हुए बने हैं। सबसे ऊंचे गुंबद के ऊपर एक लकड़ी का मंच है जिसमें 16 छेद हैं। मंदिर की छत पत्थर की शिलाओं से बनी है और प्रवेश द्वार पर भगवान शिव की मूर्ति के सामने नंदी बाबा की एक पत्थर की मूर्ति है। मंदिर के प्रवेश द्वार के दाहिनी ओर, शिव के पुत्र भगवान गणेश की मूर्ति दिखाई देती है। मुख्य हॉल में, काल भैरव और भगवान शिव के अनुयायियों की मूर्तियाँ अष्टधातु से बनी हैं। इस मंदिर में मैठानी ब्राह्मण पुजारी का काम करते हैं। माना जाता है कि यह जिम्मेदारी उन्हें विरासत में मिली है। मंदिर के कपाट मई के महीने में खुलते हैं और नवंबर में दीवाली के दौरान बंद रहते हैं। उस समय मंदिर के देवता की मूर्तियों को मुकुनाथ में स्थानांतरित कर दिया जाता है। वह मंदिर तुंगनाथ से 19 किमी दूर है। तुंगनाथ मंदिर की यात्रा के समय की बात करें तो तुंगनाथ मंदिर पर्यटकों के लिए सुबह 6 बजे से शाम 7 बजे तक खुला रहता है। उस दौरान भक्त भगवान शिव के दर्शन कर सकते हैं। मंदिर के दर्शन करने में भक्तों को 1 से 2 घंटे का समय लगता है जो भीड़ बढ़ने की स्थिति में यह बढ़ भी जाता है।

तुंगनाथ: कैसे पहुंचे

तुंगनाथ पहुंचने का मुख्य मार्ग है – सड़क के द्वारा।
चोपता उत्तराखंड राज्य के प्रमुख स्थलों के साथ मोटर योग्य सड़कों द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। चोपता के लिए बसें और टैक्सियाँ उत्तराखंड के प्रमुख स्थलों जैसे ऋषिकेश, पौड़ी, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, गौरीकुंड, श्रीनगर, गोपेश्वर आदि से आसानी से उपलब्ध हैं।

  • आपकी स्क्रीन पर पहला रूट है :
    Rishikesh –> Devprayag –> Srinagar –> Rudraprayag –> Augustumuni–>Ukhimath और फिर Chopta.
    Total Distance – ~ 206 kms.
  • दूसरे रूट की अगर बात करें तो Rishikesh–>Chamba –> Tehri Dam -> Mayali –> Augustumuni –> Ukhimath और फिर Chopta.
    Total Distance – ~ 236 kms.

आप अपनी कार या कैब के द्वारा चोपता तक पहुंच सकते हैं जिसके बाद चोपता से आप ~ 4 KM की ट्रेकिंग या घोड़े की मदद से तुंगनाथ मंदिर तक पहुंच सकते हैं। ट्रेन से चोपता का निकटतम रेलवे स्टेशन ऋषिकेश है और निकटतम हवाई अड्डा, जॉली ग्रांट हवाई अड्डा है। जॉली ग्रांट हवाई अड्डे से चोपता के लिए टैक्सियाँ उपलब्ध हैं।

Tungnath Temple Trek – तुंगनाथ मंदिर ट्रेक

तुंगनाथ मंदिर की चढ़ाई सुबह जल्दी शुरू कर देनी चाहिए क्योंकि तुंगनाथ मंदिर के आसपास रात्रि विश्राम की कोई व्यवस्था नहीं है, इसलिए आपको चोपता से तुंगनाथ मंदिर लगभग ४ km और वापस चोपता आने में 7-8 किमी की दूरी तय करनी पड़ती है।

चोपता की मैन मार्किट से जब आप ट्रेकिंग शुरू करते हैं तो शुरुआत में ही घोड़े से भी जाने की सुविधा है (Only मई से नवंबर तक ) जिसका चार्ज 1300rs रहता है जिसमें चोपता से तुंगनाथ मदिर, मंदिर में 1 hr का वेटिंग और फिर मंदिर से चोपता की वापसी। 80kg से ज्यादा वेट होने पर ये चार्जेज बढ़ जाते हैं। फिर आप बढ़ते हैं अपनी मंजिल बाबा के धाम की ओर। तुंगनाथ मंदिर, गढ़वाल हिमालय में छिपा हुआ स्वर्ग का एक टुकड़ा है। बुग्यालों या मखमली घास के मैदानों और प्राचीन बर्फ से ढकी चोटियों से घिरा, चोपता एक सुन्दर पर्यटक स्थल है और महादेव का मंदिर इस स्थान को और भी दिव्य बना देता है। चोपता पक्षियों के लिए स्वर्ग है और आप यहाँ पक्षियों की 240 से अधिक प्रजातियाँ देख सकते हैं, जिनमें देशी और प्रवासी प्रजातियाँ जैसे हिमालयन मोनाल, हिमालयन स्विफ्टलेट, हिमालयन ग्रिफ़ॉन और हिल पार्ट्रिज आदि शामिल हैं। जैसे जैसे आप ऊँचाई पर महादेव के मदिर कीओर बढ़ते हैं वैसे वैसे महादेव से मिलने की आपकी लालसा और बढ़ती जाती है। कुछ लोगों के यह ट्रेक आसान है लेकिन अगर आप पहली बार किसी ट्रेक पर जा रहे हैं तो आपको अपनी शारीरिक फिटनेस का ध्यान इस ट्रेक से पहले जरूर देना चाहिए क्योंकि इस ट्रेक में कहीं भी आपको मैदानी भाग देखने को नहीं मिलेगा। चोपता से तुंगनाथ मंदिर के इस ट्रेक को पूरा करने में लगभग ३ से ४ घंटे का समय लग जाता है जबकि घोड़े से आप इस दूरी को 1 घंटे में तय कर लेते हैं। मंदिर के पास में ही आपको प्रसाद की दुकानें मिल जाती है और भोले के जयकारे लगते हुए शिव भक्त भी आपको दिख जाते हैं। मंदिर में पहुंचने के बाद आपको आस पास का सुन्दर दृश्य दिखाई देता है जो आपकी थकान उतार देता है। यहां से नंदा देवी, बंदरपूंछ, चौखंबा और केदार चोटी सहित कई हिमालय चोटियों के अद्भुत दृश्य दिखाई देते हैं।

चन्द्रशिला मंदिर

यहाँ से डेढ़ किलोमीटर की ऊँचाई चढ़ने के बाद ‘मून माउंटेन’ के नाम से प्रसिद्ध ‘चंद्रशिला’ नामक चोटी के दर्शन होते हैं। एक अन्य किंवदंती कहती है कि चंद्र देव ने यहां तपस्या में समय बिताया था। चंद्रशिला का शाब्दिक अर्थ है “चंद्रमा चट्टान”। तुंगनाथ में शिखर तक की यात्रा सबसे लोकप्रिय में से एक है। चंद्रशिला चोटी तुंगनाथ मंदिर से 1 किमी की खड़ी चढ़ाई पर है।

तुंगनाथ मंदिर का इतिहास / जुड़ी हैं पौराणिक मान्यताएं

मान्यता है कि तुंगनाथ मंदिर को पांडवों ने भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए बनवाया था। कहा जाता है कि कुरुक्षेत्र में हुए नरसंहार को लेकर शिव जी पांडवों से नाराज थे, इसलिए उन्हें खुश करने के लिए इस सुंदर स्थान पर शिव शंभू का मंदिर बनवाया। महाभारत काल के अलावा एक ओर मान्यता है कि जब भगवान राम ने रावण का वध किया तो खुद को हत्या के पाप के मुक्ति दिलाने के लिए भगवान राम यहां पर आए थे. यहां पर राम ने भगवान शिव की तपस्या की थी .

आवासीय सुविधाएं और भोजन

ऊखीमठ में गढ़वाल मंडल विकास निगम के विश्रामगृह हैं। इसके अलावा प्राइवेट होटल, लॉज, धर्मशालाएं भी हैं जो सुगमता से मिल जाती हैं। चोपता में भी आवासीय सुविधा उपलब्ध है और यहां पर स्थानीय लोगों की दुकानें हैं। चोपता की मार्किट में आपको खाने में पराठे, मैगी और भी ऑप्शंस मिल जाते हैं।

तुंगनाथ: कब पहुंचे

मई से नवंबर तक यहां कि यात्रा की जा सकती है जब मंदिर के कपाट खुले होते हैं और आप महादेव के दर्शन भी कर पाते हैं । इसके अलावा यात्रा नवंबर के बाद भी की जा सकती है लेकिन बर्फ गिरी होने के कारण ट्रैकिंग ज्यादा देखने को मिलती है । जनवरी व फरवरी के महीने में भी यहां की बर्फ भी देखी जा सकती है ।

तो ये थी महादेव के एक और दिव्य स्थल की जानकारी। आशा है आपको दी हुई जानकारी पसंद आयी होगी। चैनल पर नए हैं तो जरूर सहयोग करें और वीडियो को शेयर और चैनल को सब्सक्राइब जरूर करें।
हर हर महादेव।

Key Terms:

  • chopta to tungnath trek
  • ,
  • chopta tungnath
  • ,
  • chopta tungnath trek
  • ,
  • chopta uttarakhand
  • ,
  • tungnath
  • ,
  • tungnath chandrashila trek
  • ,
  • tungnath chopta uttarakhand
  • ,
  • tungnath mahadev
  • ,
  • tungnath mandir
  • ,
  • tungnath temple
  • ,
  • tungnath temple in uttarakhand
  • ,
  • tungnath temple uttarakhand
  • ,
  • tungnath temple uttarakhand snowfall
  • ,
  • tungnath temple uttrakhand
  • ,
  • tungnath trek
  • ,
  • tungnath uttarakhand
  • ,
  • tungnath vlog
  • ,
  • tungnath yatra
  • ,
  • tungnath yatra 2024
  • ,
  • uttarakhand
  • ,
  • uttarakhand beauty

Related Article

India Tourism

Tourism in India

A kaleidoscope of traditions, culture and vibrant geographies, India speaks for itself as a soul-stirring journey. From its dusty snow […]

Katarmal Sun Temple

Katarmal Surya Mandir Uttarakhand

सूर्य – सबसे शक्तिशाली ग्रहों में से एक है, क्योंकि यह मौसम पर राज करता है। यह भी प्रचलित है, […]

Chholya Dance

Choliya Dance Uttarakhand

वीरों की विरासत छोलिया नृत्य दोस्तों क्या आप जानते हैं कि उत्तराखंड का पारम्परिक लोक नृत्य कौन सा है जो […]

Patal Bhubneswar

Patal Bhuvaneshwar | पाताल भुवनेश्वर

पाताल भुवनेश्वर सन्देश नोट : सभी यात्रियों से अनुरोध है कि मंदिर / गुफा की व्यवस्था मंदिर कमेटी के सहयोग […]

IF YOU FIND SOME HELP CONSIDER CONTRIBUTING BY SHARING CONTENT OF OUR CHANNEL

Rabbit and Tortoise | खरगोश और कछुआ

Hindi Animated Story – Aadha Rajkumar – Half Prince | आधा राजकुमार

मित्र का ऋण – mitr ka rin – friend’s loan – 4K Ultra HD Video

How to create azure container registry | How to create azure container instance | Azure ACI Tutorial

Deploy WordPress with MySQL & phpMyAdmin in Docker | WordPress Stack Deployment with Docker Compose

लोमड़ी और कौआ – Lomdi aur Kauwa

How to Deploy ASP.NET Web Application in Azure Kubernetes Services | Complete Tutorial | AKS

How to Install Bharat Operating System Solutions BOSS 9 Urja

Deploy WordPress with MySQL & phpMyAdmin in Docker | WordPress Stack Deployment with Docker Compose